नई दिल्ली। वायु सेना के पूर्व प्रमुख एयर चीफ मार्शल (रिटा) बीएस धनोआ ने रविवार को कहा कि पहाड़ी तिब्बत क्षेत्र में चीन के साथ किसी हवाई संघर्ष की स्थिति में भारत को राफेल विमानों से सामरिक लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में इस बेड़े का उपयोग अपने लाभ के लिए किया जा सकेगा और यह दुश्मन की हवाई रक्षा को नष्ट कर सकेगा तथा जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलों को निष्प्रभावी कर देगा। बालाकोट हमले में अहम भूमिका निभाने वाले धनोआ ने कहा कि एस-400 मिसाइल प्रणाली के साथ राफेल जेट विमान भारतीय वायु सेना को पूरे क्षेत्र में एक बड़ी बढ़त देगा और भारत के विरोधी उसके खिलाफ युद्ध शुरू करने से पहले दो बार सोचेंगे।
Rafael will enter Pakistan and attack, will get an edge on China: BS Dhanoa
New Delhi. Air Chief Marshal (RITA) BS Dhanoa, former Chief of the Air Force, said on Sunday that India would get a strategic advantage from Rafale aircraft in the event of an air conflict with China in the mountainous Tibet region. He said that the fleet could be used to its advantage in the region and would destroy enemy air defenses and neutralize ground-to-air missiles. Dhanoa, who played a key role in the Balakot attack, said that the Rafale jet aircraft with the S-400 missile system would give the Indian Air Force a major edge over the entire region and India’s opponents would think twice before starting a war against it.
धनोआ ने कहा कि पाकिस्तान के मामले में एस-400 और राफेल का मकसद पाकिस्तानी विमान पर पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र के अंदर हमला करना है, न कि जब वे भारतीय क्षेत्र में अंदर आ जाएं।
उन्होंने कहा कि अगर भारत के पास फ्रांस में बने जेट विमान पहले से होते तो पिछले साल पड़ोसी देश ने 27 फरवरी को बालाकोट का जवाब नहीं दिया होता।
धनोआ ने भाषा से एक साक्षात्कार में कहा कि अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक खूबियों से लैस राफेल तिब्बत के पहाड़ी क्षेत्र का उपयोग अपने लाभ के लिए कर सकेगा और भारतीय युद्धक विमान के दुश्मन के हवाई क्षेत्र में अपने मिशन को पूरा करने के लिए प्रवेश करने से पहले उसे भ्रमित कर देगा।
पूर्व वायु सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि भारतीय वायुसेना को मिल रहे राफेल विमान फ्रांसीसी वायु सेना द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले विमानों की तुलना में बहुत अधिक उन्नत हैं, क्योंकि भारत ने लेह जैसी विशेष परिस्थितियों में परिचालन की आवश्यकता के कारण कुछ अधिक की जरूरत बतायी थी।
धनोआ ने कहा कि राफेल अपने लाभ के लिए इलाके का उपयोग करने और इलेक्ट्रॉनिक रूप से अपनी रक्षा करने में सक्षम है।
उन्होंने कहा कि ऐसे में राफेल दुश्मन की वायु रक्षा को नष्ट करने तथा जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलों को निष्प्रभावी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि जब सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों को निकाल लेते हैं, तो एसयू30, जगुआर, यहां तक कि मिग 21 जैसे विमान भी बाहर जा सकते हैं और चीनी बलों पर बम गिरा सकते हैं।
जे-20 से तुलना करना बेकार
वायु सेना प्रमुख के रूप में धनोआ ने राफेल सौदे का उस समय जोरदार बचाव किया था जब विपक्षी दलों ने इस करार में भारी अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए सरकार पर हमला बोला था।
धनोआ के नेतृत्व में वायुसेना के शीर्ष अधिकारियों ने सौदे के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
राफेल और चीन के जे -20 लड़ाकू जेट के बीच तुलना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि चीनी विमान नजर से ओझल होने वाले नहीं हैं और उनके मौजूदा इंजनों के साथ वे विमान भारतीय विमानों से बेहतर नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि चीनी जे-20 में लगी प्रणालियों की तुलना में फ्रांसीसी राफेल बहुत बेहतर हैं।
हर कोई डर जाता है
धनोआ ने राफेल सौदे का समर्थन करने वाले सभी लोगों को धन्यवाद दिया, जिनमें रक्षा मंत्री, नौकरशाह, तत्कालीन रक्षा सचिव, महानिदेशक (खरीद) और सरकार में कई अन्य शामिल थे।
उन्होंने कहा, ‘‘आपको उन्हें पूरे अंक देने होंगे, क्योंकि वे कई आशंकाओं के बावजूद इसके पक्ष में खड़े थे। आम तौर पर हर कोई डर जाता है कि इस सौदे को बाद में घोटाला कहा जा सकता है और सेवानिवृत्ति के बाद जांच एजेंसियों की जांच में घिर सकते हैं… ये लोग इसके पक्ष में खड़े थे। हमने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए।’’
धनोआ ने कहा कि राजनीतिक नेतृत्व भी अपने रूख पर कायम रहा और उसने समझौते को विफल नहीं किया।